सीखना ही जीतना है


[  ]   यदि आगे बढ़ना है तो सीखना पड़ेगा ;
           

[  ] नेटवर्क मार्केटिंग में सफल ही वो लोग होते हैं जो रोज नया सीखने के लिए तैयार रहते हैं क्युकी इस फील्ड में हर समय , हर पल, नए चुनौतियों से सामना करना पड़ता है। इनको सही तरीके से निपटने के लिए आपको हर पल सीखते रहना होगा । बड़ी सफलता चाहिए तो सीखना पड़ेगा; बड़ी पिन चाहिए तो सीखना पड़ेगा; ज्यादा पैसा कमाना है तो सीखना पड़ेगा और सीखने के लिये आप तभी तैयार हो सकते हो, जब आप " मुझे सब पता है "  (एमबीए) वाली मानसिकता से बाहर आओगे। इस इंडस्ट्री में कामयाब होने के लिए बताया गया कोई भी काम यदि आपको मुश्किल लगता है तो उससे बचिए नहीं, बल्कि उसे सीखिए और जरूर कीजिये क्योंकि जो काम सीखने से पहले मुश्किल लगता है, सीखने के बाद वही काम आपने आप आसान लगने लग जाता है। यदि फिर भी मुश्किल लगता है, तो इस बात को जरूर याद रखिये कि बड़ी कामयाबी आसान कामों से नहीं आती है, बल्कि मुश्किल कामों को करने से ही आती है ।
[  ]  इसलिए इस इंडस्ट्री में यदि करोड़ों कमाने का सपना देख रहे हो और मुश्किल लगने वाले कामों से बच रहे हो, तो करोड़ों आने वाले नहीं हैं और यदि आपको ये मुश्किल लग भी रहे हैं, तो यह इशारा है कि यहाँ करोड़ों आने वाले हैं। यदि आपमें " मुझे सब पता है " वाली बीमारी नहीं है और सीखने की ललक है, तो इस व्यवसाय को बड़ी आसानी से सीखा भी जा सकता है और किया भी जा सकता है।

[  ] मान सम्मान -

         


[  ] इस इंडस्ट्री की सबसे अच्छी बात यह है कि इस इंडस्ट्री में पैसे के साथ-साथ मान-सम्मान भी भरपूर मिलता है । यहाँ लोगों की छोटी सी • अचीवमेंट को भी सेलिब्रेट किया जाता है ताकि लोगों को जीतने की आदत पड़ जाए । जब कोई व्यक्ति इस इंडस्ट्री में थोड़ी सी भी कामयाबी हासिल करता है, तो उसे प्रमोट किया जाता है, अवार्ड से सम्मानित किया जाता है, उसे स्टेज पर स्पेस दिया जाता है। कुछ लोग इस मान- सम्मान को पचा नहीं पाते हैं । उनको लगने लग जाता है कि मैं अब इस इंडस्ट्री का धुरंधर बन गया हूँ। अब मुझे पूरी जानकारी हो गई है । वह मानने लग जाता है कि उसकी राय ही परफेक्ट है, उससे कोई गलती हो ही नहीं सकती है, उसे किसी और की राय की जरूरत नहीं है, किसी से सीखने की जरूरत नहीं है। अब वह अपने सीनियर को, सिस्टम को, इस इंडस्ट्री की वास्तविक शिक्षा को अनसुना करना शुरू कर देता है और यहीं से उसकी इस बीमारी " मुझे सब पता है " की शुरुआत होती है और यहीं से ही उसकी सफलता का ग्राफ ढलान की ओर चलना शुरू कर देता है।

[  ]  सिस्टम से आउट -  

मैनें अनेकों अपने आप को बुद्धिमान, धुरंधर, तीसमारखाँ मानने वाले लोगों को इस इंडस्ट्री में असफल होते हुए देखा है या इस इंडस्ट्री को खाली हाथ छोड़कर जाते हुए देखा है क्योंकि उन्होंने कभी सीखने पर ध्यान दिया नहीं, किसी को अपने से बड़ा ज्ञानी माना ही नहीं, अपलाइन की बात को फॉलो करने की बजाय उसे ही समझाने की कोशिश में लगे रहे, सिस्टम को कोई तवज्जो देते ही नहीं थे। ऐसा नहीं है कि वो कामयाब होना नहीं चाहते थे, वो कामयाब होना चाहते थे; उनके इरादे व सपने भी बहुत बड़े थे, वो मेहनती व जनूनी भी थे; बस कोई छोटा-मोटा लेवल आने से या किसी छोटी-मोटी कम्पनी में थोड़ा बहुत अनुभव होने से उनको ये गलतफहमी हो गई कि " मुझे सब पता है" और इसी छोटी सी भूल की वजह से उनमें से ज्यादातर या तो इस इंडस्ट्री से आउट हो गए हैं या गलत-सलत स्कीमों में अपना समय और छवि खराब कर रहे हैं।

[  ] इंडस्ट्री के हीरो -

मैंने अनेकों ऐसे लोगों को इस इंडस्ट्री में ना केवल कामयाब होते देखा है, बल्कि अपने नाम का व अपने काम का सिक्का जमाते हुए देखा है, जो इस इंडस्ट्री में जब आए थे, बिल्कुल साधारण थे; इस इंडस्ट्री के बारे में कोरा कागज थे। बहुत सों को तो स्टेज पर बोलना तो दूर, वन टू वन में भी अच्छे से बात करनी नहीं आती थी । शर्मिला सा स्वभाव था उनका, पर उनके इरादे खतरनाक थे । उनका इस इंडस्ट्री पर विश्वास अटूट था, सीखने की प्रबल इच्छा हर पल उनमें रहती थी और इसीलिए आज वो बड़े-बड़े मुकाम पर हैं, लोगों को इस इंडस्ट्री की ट्रेनिंग देते हैं व लोगों को कामयाब होने के गुर सिखाते हैं। " मुझे और सीखना है, मुझे और सीखना है, मुझे और सीखना है इसी आदत ने उन्हें इस इंडस्ट्री का हीरो बना दिया ।

आपको भी यदि इस इंडस्ट्री का हीरो बनना है, अपने सीने पर डायमंड की पिन लगानी है, बड़ी स्टेज पर लोगों को ट्रेनिंग देने वाला बनना है तो एक बात को अपने दिमाग में बिठा लो  की सीखना ही सीखना है यह तो अभी शुरुआत है । अगर ऐसा कर लिया तो कोई ताकत।आपको कामयाब होने से नही रोक सकता ।

[  ] यह इंडस्ट्री केवल Product इंडस्ट्री नहीं है, यह People इंडस्ट्री भी है। यहाँ आपको लोक व्यवहार में निपुण होना पड़ेगा क्योंकि लोग व्यवहार की कला में निपुण व्यक्ति ही लोगों को समझ सकता है व लंबे समय तक लोगों को साथ लेकर चल सकता है। यहाँ आपको एक कुशल टीम का निर्माण करना होता है व एक कुशल टीम का नेतृत्व भी करन होता है । एक कुशल व सशक्त टीम तभी बनती है, जब आपकी टीम के लीडर उन सारी चीजों को जानें व सीखें जिनको जानने व सीखने की सलाह आपका सिस्टम देता है और उनको सीखने के लिए तभी तैयार किया जा सकता है जब आप खुद सीखने के मोड में नजर आएँगे,

[  ] लोगो के रोल मॉडल बनिए

क्योंकि लोग वो नहीं करते जो आप कहते हैं, लोग तो वो करते हैं जो आप करते हैं । भले ही आपको सब पता हो, परन्तु कभी भी यह अहसास मत होने देना कि मुझे सब पता है । कभी भूलकर भी अपनी डाउनलाइन को यह मत कहना कि कहीं किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं है, मैं ही सब सिखा दूंगा। जब आप उनके सामने अपने सिस्टम को या अपने सीनियर को एडिफाई करते हैं, तो वो भी किसी के सामने आप को एडिफाई करेंगे ही करेंगे। जब आप अपने सीनियर के सामने एक अच्छे विद्यार्थी की तरह सीखते हुए उनको नजर आएँगे, तो वो भी ऐसा करना शुरू कर देंगे क्योंकि यह बिज़नेस डुप्लीकेशन का है। जैसे आप होंगे, वैसी ही आपकी टीम होगी। आप अनाड़ी बन जाओ, टीम अपने आप अनाड़ी बन जाएगी। आप जिज्ञासु बन जाओ, टीम अपने आप जिज्ञासु बन जाएगी। आप आज्ञाकारी बन जाओ, टीम अपने आप आज्ञाकारी बन जाएगी। आप सीखने की भूख पैदा कर लो. टीम में अपने आप सीखने की भूख बढ़ जाएगी ; क्योंकि जैसा Original होता है, Zerox वैसी ही आती है & You are the Original of your Team. सब कुछ आप पर निर्भर करता है।

इस इंडस्ट्री में हर कोई चाहता है कि मेरी डाउन लाइन सीखने वाली होनी चाहिए ; पर इस बात पर ध्यान जाता ही नहीं है कि क्या मैं खुद सीख रहा हू।

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