बंधनों से मुक्त हो

 [  ] इनकम काम करने पर भी और न करने पर भी :-

    


दोस्तो के बीच की वार्ता 

मेरे एक  मित्र के मन में हमेशा भय रहता था। वह दाहिने हाथ से काम करने वाला व्यक्ति था। वह हमेशा कहता कि हम लोग जितने दिन क्लीनिक में बैठते है, उतना ही कमाते है। यदि ऐसा कोई भी कारण बन गया कि हम क्लीनिक में बैठ पाने के योग्य नहीं रहे तो परिवार की जिम्मेदारियाँ कैसे निभा पाएंगे।

मैने एक बार झल्लाकर उससे कहा- तुम हमेशा नकारात्मक बात करते हो। ऐसा क्या कारण हो सकता है। उसने गंभीरता से मुझसे पूछा तुम्हारे दाँये हाथ के अंगूठे के बिना क्या तुम  किसी मरीज का ऑपरेशन  कर सकते हो। मैनें सामान्य लहजे में कहा, अंगूठा नहीं रहेगा तो किसी भी औजार का उपयोग संभव नहीं होगा, इसलिए चिकित्सा कर पाना निसंदेह मुश्किल होगा।

उसने कहा - दोस्त, यही मैं कहना चाहता हूँ कि हमारी सारी शिक्षा, सारा भविष्य दाहिने हाथ के अंगूठे पर टिका है। यदि किसी छोटी सी दुर्घटना में अंगूठे को चोट लग गई तो समझो जिंदगी को चोट लग गई।

डॉक्टर का अगूंठा, गायक का गला, गेंदबाज का कंधा, वादक की उंगलियाँ, ये तो हालांकि सोच नकारात्मक थी, परंतु बाद में मैने गंभीरता से सोचा- दोस्त की बाते अनमोल है। ये सारे अंग जब तक कार्य करेगे तभी तक इन्हें आय होगी। वहीं दूसरी ओर networker आज मेहनत करके लोगो को जोड़ेगे तो जीवनभर उन्हें उसके फल की प्राप्ति होती रहेगी।

[  ] डिग्री सर्टिफिकेट के बिना भी चलेगा  :-

यदि आप पढ़ने में होशियार नहीं थे, आपने लगन से शिक्षा ग्रहण नहीं की तो इसका मलाल आपको अवश्य होगा। अक्सर जिम्मेदारियों, आर्थिक दिक्कतों और परिस्थितियों की वजह से लोग उचित शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते। अल्प या औसत शिक्षा होने के कारण इन्हें सम्मानजनक नौकरियों के अवसर नहीं मिलते। जिनके पुश्तैनी व्यापार है, ऐसे कुछ प्रतिशत लोग व्यापार से जुड़ जाते है लेकिन यह सौभाग्य भी सबको नहीं मिलता। आर्थिक कारणों से बहुत से लोग स्वयं का व्यापार भी शुरू नहीं कर पाते।

इन सबके लिये सुनहरी सुबह की तरह है, नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली। इससे जुड़ने के लिये आपको औपचारिक शिक्षा जैसी कोई शर्त नहीं होती। इससे जुड़ने की सिर्फ एक शर्त होती है “अपने सपनों को पाने की लालसा और जूनून” । यहाँ प्रमोशन के लिये भी डिग्रियाँ नहीं लगती। आपका कार्य और आपकी उपलब्धियों के आधार पर आप नेटवर्क व्यवसाय में सीढ़ियाँ चढ़ते जाते है।

यह एकमात्र प्रणाली है जहाँ एक डाक्टर, वकील, सी.ए., अधिकारी और एक सामान्य फल विक्रेता सबको समान सम्मान मिलता है। यदि ये सारे एक साथ सिल्वर होते है या टोपाज होते है तो सबके लिये एक जैसी गगनचुंबी तालियाँ बजती है। इस व्यापार के किसी भी चरण में शिक्षा के आधार पर भेद नहीं किया जाता।
और मेरी नजर में औपचारिक शिक्षा सफलता की गारंटी नहीं है। विश्व के कई बड़े साम्राज्य अल्प शिक्षित लोगों ने बनाये है।

[  ] हेनरी फोर्ड, सोइशिरो होन्डा, से लेकर धीरू भाई अंबानी तक सभी उच्च शिक्षा से वंचित रहे। इन्होंने अपनी बुद्धि, लगन, अवसरों को पहचानने की क्षमता और कड़ी मेहनत से अरबों की कंपनियों खड़ी की। यह कहकर मैं शिक्षा का मोल कम नहीं करना चाहती  क्योंकि शिक्षा आज के युग में अनिवार्य है। मैं उन लोगों को नयी ऊर्जा देना चाहता हूँ जो किसी भी कारणवश उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाये।

एक दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि एक जैसी डिग्री और योग्यता होने के बाद भी सफलता की गांरटी नहीं होती। दो डाक्टरों को देखे तो एक के यहाँ मरीजों की भीड़ होती है और दूसरा खाली, एक ही विषय पढ़ाने वाले दो शिक्षकों में। एक की बातें छात्रों को समझ में आती है और दूसरे की समझ नहीं आती, एक एम. .बी.ए. को डिग्री के तुरंत बाद नौकरी में चुन लिया जाता है और दूसरा दफ्तरों के चक्कर लगाता है। इसका सीधा अर्थ यह है कि डिग्रियों के अतिरिक्त भी सफलता के लिये व्यक्तित्व में कुछ गुण चाहिये, जिनके आधार पर आप सफल या असफल होते है। इसलिये शिक्षा न हो भी तो हताश मत होइये। आप जंहा है, जैसे है, वहीं से सफल हो सकते हैं।

[  ] आपकी प्रतिभा को निखार मिलता है

ये व्यक्तित्व के वही गुण है जो ईश्वर ने आपके अंदर कूट-कूटकर भरे हैं और आपको सिर्फ उन्हें पहचानना है, विकसित करना है। यदि आपके पास विशेष डिग्री नहीं है तो निराश मत होइये, यदि आप सामान्य जीवन जीना नहीं चाहते तो नेटवर्क मार्केटिंग प्रणाली आपके सामने अवसर के रूप में है।

[  ] आयु सीमा रुकावट नही :-

जब हम रोजगार के विज्ञापनों को देखते है तो एक शर्त पढ़कर मुझे निराशा होती है। वह शर्त है, उम्र की सीमा। अधिकांश नौकरियों में नियुक्ति की न्यूनतम व अधिकत उम्र तय रहती है। इसी तरह सरकारी संस्थानों में सेवानिवृत्ति की उम्र तय रहती है भले ही आप तन व मन से युवा है, परंतु वह उम्र आते ही सेवानिवृत्ति आपको बूढ़े होने का अहसास करा देती है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उम्र का बंधन होता है। हर कोई हिस्सा नहीं सकता । इन सब बातों का अर्थ यह हुआ कि कम उम्र का अति बुद्धिमान व्यक्ति या अधिक उम्र का अति स्वस्थ व्यक्ति, ये बातें कोई महत्व नहीं रखती। लेकिन मैं दूसरी ओर महानायकों, उद्योगपतियों और कलाकारों की जीवनियाँ पढ़ता हूँ। वे कुछ और ही हकीकत बयां करती है।

[  ] रोनाल्ड रीगन ने 70 वर्ष की उम्र में राष्ट्रपति की शपथ ली. वाल्ट डिजनी ने 54 साल उम्र में डिजनीलैंड बनाया, कार्ल मार्क्स ने 54 की उम्र में दास केपिटल लिखी,

[  ] रेक्रॉक ने मैकडोनाल्ड फ्रेंचाइजी की स्थापना 54 वर्ष में की और मैरी के ऐश ने अपनी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी 52 साल में शुरू  की थी यदि इन सारे लोगों की आसमानी उपलब्धियों के रास्ते मे उम्र बाधा नहीं बनी तो रिटायरमेण्ट जैसा घातक शब्द कहां से पैदा हुआ।

[  ] इस युग की क्रांति :-

दोस्तों, नेटवर्क मार्केटिंग या मल्टीलेवल मार्केटिंग को इस युग की क्रांति इसलिये भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बच्चे, बूढ़े और जवान सबके लिये दरवाजे खुले है।

यदि आप में कुछ कर गुजरने की तमन्ना है तो यह प्रणाली आपसे आपकी उम्र नहीं पूछेगी । आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो आपको कभी भी सेवानिवृत्ति या वी. आर. एस. के लिये नहीं कहा जायेगा।

यह बिजनेस सिर्फ आपके अंदर "सामान्य से असामान्य बनने का" जूनून चाहता है। यदि वो आपके अंदर है तो आप किसी भी उम्र के हो, नेटवर्क मार्केटिंग की विशाल दुनिया आपका इंतजार कर रही है।

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